Pitrupaksha starts from the full moon of Bhadrapada month and continues till the new moon day of Ashwin month. These days Shraddha Karma is done for the liberation of the fathers. The scriptures tell man to take off three debts, these loans are deva loan, sage loan and ancestral debt. In this, ancestral debt is discharged through Shraddha. Due to this belief, people from all over the world come to Gaya during Pitrupaksha. But in the scriptures, apart from Gaya, there is another place where performing Pinddan and Shraddha Karma brings peace and salvation to the souls of the ancestors. Let's know about those places.
पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलते हैं। इन दिनों पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। शास्त्रों में मनुष्य को तीन ऋण अवश्य उतारने के लिए बताया है, ये ऋण देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण हैं। इनमें श्राद्ध के जरिए पितृ ऋण उतारा जाता है। इसके लिए बहुत से लोग बिहार के गया तीर्थ में जाते हैं।लेकिन शास्त्रों में गया के अलावा और भी दूसरी जगह बताई हैं, जहां पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में…
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